केरम के नियम
(हिंदी मे प्रयत्न : एम आर अयंगर.)
मेरी बात
दिनाँक 17 से 18 जनवरी 2015 के दौरान कोरबा जिला केरम संघ के तत्वाधान में जिला केरम प्रतिस्पर्धा प्रगति क्लब एनटीपीसी जमनीपाली में आयोजित की गई। इस टूर्नामेंट में कोरबा केरम संघ ने मुझे टूर्नामेंट डायरेक्टर नियुक्त किया। टूर्नामेंट इंटरनेशनल केरम फेडेरेशन के नियमाँतर्गत कराया गया था।
इस टूर्नामेंट के दौरान मैंने पाया कि दूर दराज से आए खासकर ग्रामीण अंचलों के खिलाड़ी, जिनकी खेल में अप्रतिम रुचि दिखी – किंतु अंतर्राष्ट्रीय केरम के नियमों से अनभिज्ञ होने के कारण पीछे रह गए। मिली जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र के भी बहुत से खिलाड़ी अंग्रेजी न जानने की वजह से इन नियमों से अवगत नहीं हैं। वे मात्र खेल - खेल कर, अपने साथियों एवं गुरुजनों से सुन - सीख कर आगे बढ़े हैं।
इस क्षेत्र की भाषा हिंदी है और प्रायः सभी हिंदी बोल-पढ़-लिख लेते हैं। इसीलिए और इसी ध्येय से कि ग्रामीण अंचलों व शहर उन खिलाड़ियों तक केरम के अंतर्राष्य्रीय नियम पहुँचे, मेने एक प्रयास किया है कि नियमों को हिंदी में प्रस्तुत करूँ। उम्मीद है कि नियम जानने के बाद खेल से उनके खेल में और भी निखार आएगा और वे इस खेल के साथ अपनी भी उन्नति कर ऊँचे पायदान तक पहुँच सकेंगे।
यह डॉक्यूमेंट किसी तरह की अधिकृत नियम पुस्तिका नहीं है।
यह लॉस ऑफ केरम के 2004 संस्करण का अनुवाद है। तदुपरांत परिवर्तन के लिए मूल अंग्रेजी पुस्तिका देखिए ।
तब तक किसी प्रकार की शंका समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय करेम फेडरेशन द्वारा जारी अंग्रेजी नियमपुस्तिका का ही संदर्भ लें।
विनीत,
एम आर अयंगर.
14.02.2015
कोरबा, छत्तीसगढ़
495450. (इंडिया)
मोबाईल – 08462021340. ई मेल : laxmirangam@gmail.com; iyengarrangraj@gmail.com
अभी : हैदराबाद, तेलंगाना.
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केरम के नियम
।. स्टेंडर्ड उपस्कर (इक्विपमेंट)
अ. केरम बोर्डअ.1 खेलने की सतह – कम से कम 8 मिलिमीटर मोटी व 73.5 सेंटीमीटर(सेमी) से 74 सेमी वर्गाकार साफ सुथरी व चिकनी प्लाईवुड की सतह, जिस पर एक सामान्य स्ट्राईकर पूरे जोर से मारने पर साढे तीन फेरे बोर्ड के इस पार से उस पार तक लगाए.
अ.2 फ्रेम – खेलने की सतह के चारों ओर 8 मिलीमीटर (मिमी) की प्लाई से 1.9 से 2.54 सेमी ऊपर तक व 6.35 से 7.60 सेमी चौड़ी लकड़ी का फेम.
अ.3 – पॉकेट - प्लाई के चारों कोनों में भीतर की तरफ 4.45 +/- 0.15 से मी के व्यास (डयामीटर) का वृत्त जिसका प्लाई कटा होगा और बाहर के गोलाई अनुसार फ्रेम भी बना होगा.
अ.4 क – बेस लाईनें – फ्रेम से भीतर की तरफ 10.15 सेमी दूरी पर, 0.50 से 0.65 सेमी मोटी लाईन व उससे भीतर की तरफ 3.18 सेमी दूरी पर दूसरी लाईन होगी. दोनों लाईनें 47+/- 0.30 से मी लंबी होंगी, जिन्हें बेस लाईन कहेंगे.
अ.4 ख – बेस सर्किल – बेस लाईनों के दोनों छोरों को 3.18 सेमी के व्यास के अर्धवृत्त से पूरा करेंगे, जो बढी हुई उस तरफ के खड़ी बेस लाईन को स्पर्श करती महसूस होगी. इन्हें बेस सर्किल कहेंगे. इनके बीचों-बीच 2.54 सेमी वृत्ताकार जगह लाल कर दी जाएगी. दो पड़ोसी बेस सर्किलों के बीच 1.27 सेमी का फासला रहेगा.
अ.5 – तीर – खेलने की सतह के चारों कोनों में पाकेट के भीतरी छोर से 5.0 सेमी भीतर से 26.7 सेमी लंबे 0.15 सेमी मोटे तीर के निशान पाकेट की तरफ दर्शित होंगे. उनके भीतर की छोर पर सुंदरता पूर्वक 6.35 सेमी व्यास की अपूर्ण गोलाई बनाई जा सकती है.
अ.6 – मध्य वृत्त – 0.16 सेमी मोटी काली लाईन का, 3.18 सेमी व्यास वाला लाल रंग भरा यह वृत्त खेल की सतह के ठीक बीचों-बीच बना होगा.
अ.7 – बाह्य वृत्त - मध्यसर्किल के केंद्र से ही 17+/- 0.30 सेमी व्यास का वृत्त बनाया जाएगा यह बाह्य वृत्त होगा. इसमें सुंदरता के लिए डिजाईन बनाए जा सकते हैं.
आ. - गोटयाँ (केरम मेन) – 3.02 से 3.18 सेमी के गोलाकार 0.70 से 0.90 सेमी मोटी लकड़ी की 5.25 से 5.50 ग्राम वजनी चकतियाँ, जो बोर्ड की चिकनी सतह पर खेलने के लिए प्रयोग की जाएंगी.
इ. – स्ट्राईकर – हाथी दाँत या धातु के अलावा किसी भी वस्तु का बना अधिकतम 4.13 सेमी व्यास वाला गोलाकार चकती रूप का अधिकतम 15 ग्राम वजनी स्ट्राईकर का प्रयोग किया जा सकता है. आँखो को दिखने या सतह पर खरोंच करने वाला धातु स्ट्राईकर में अस्वीकार्य होगा.
ई. - स्टैंड या टेबल - 63 से 70 सेमी ऊँचे समतल स्टैंड या टेबल पर केरम बोर्ड रखा जा सकता है. समतल करने के लिए पेकिंग स्वीकार्य है.
उ. – स्टूल या कुर्सी – 40 से 50 सेमी ऊंचाई वाला स्टूल या कुर्सी स्वीकार्य है. ऊंचाई बढ़ाकर हद में लाने के लिए कुशन लगाया जा सकता है.
ऊ. – पाउडर – उच्चतम गुणवत्ता वाला चिकना सूखा पाउडर समरूप बिखेरने हेतु कपड़े के पाउच या डिब्बे में भरकर प्रयोग किया जा सकता है.
ऋ. - जालियाँ – बोर्ड के चारों पाकेट में कम से कम दस गोटियाँ समाने वाली जाली लगी हो.
लृ – लाईट या रोशनी – 60 से 100 वाट का साफ या सफेद ( दूधिया) बल्ब लगा चौकोर या शंकु के आकार का ( कोनिकल) भीतर से पूरी तरह धवल-सफेद लैंप शेड प्रयोग में लाया जाए. इसकी ऊँचाई इसी तरह से रखा जाए कि रेशनी पूरे बोर्ड पर हो, किंतु खिलाड़ी के आँखों में न गिरे. संभवतः यह खिलाड़ियों का नेत्र संवाद न होने दे.
।।. - अर्थ या मतलब.
1) लॉस – केरम के नियम
2) स्ट्राईक अ. प्रोपर – केरम के नियमानुसार
आ. इंप्रोपर - केरम के नियमों से परे.(नियमेतर)
3)
सी/बी - केरम
बोर्ड
4)
सी/एम - केरम मेन
(गोटियाँ)
5)
बोर्ड -
अंपायर के प्ले कहने से लेकर किसी खिलाड़ी की सारी गोटियाँ
जाने तक
6)
ब्रेक -
बोर्ड की पहली स्ट्राईक या चाल.
7)
फिनिश -
बोर्ड का समापन
8)
प्लेयर -
खिलाड़ी
9)
प्लेसिंग -
पेनाल्टी या ड्यू गोटी को पड़ी हालत मे बाह्य वृत्त में अधिकृत
खिलाड़ी द्वारा रखना. क्वीन या उछलकर बाहर हुई गोटियाँ ही नियमानुसार मध्य वृत्त में रखी जाएंगी.
10)
पॉकेटिंग -
गोटी या क्वीन को पॉकेट मे डालना.(पाकेट करना)
11)
पुश (धक्का) -
गोटी मारने के लिए स्ट्राईकर को उंगली से मारने की बजाए
कोहनी का अचानक हिलना या
झटका मारना.
12)
क्वीन -
लाल रंग की गोटी.
13)
ड्यू –
किसी गोटी या क्वीन के साथ या अकेले स्ट्राईकर का पॉकेट
में गिरने के कारण लगने वाला
जुर्माना.
14)
पेनाल्टी -
नियमानुसार कुछ गलत करने के कारण फाउल काल से लगने
वाला जुर्माना.
15)
कवरिंग -
क्वीन प़ॉकेट करने के तुरंत बाद अपनी एक गोटी पॉकेट
करना
16)
शॉट - पेयर या केनन
अ. पेयर – किसी अंतर के साथ दो गोटियाँ (या क्वीन केसाथ गोटी) पॉकेट की तरफ सीधी लाईन में रहना
आ. केनन – बिना अंतर का पेयर केनन कहलाता है.
17.
थंबिंग -
अंगूठे से स्ट्राईक करना
18.
टर्न -
स्ट्राईक करने की बारी.
19. चीफ रेफरी ( मुख्य निर्णायक) – खेल के दौरान अंतिम निर्णय देने हेतु प्रबंधन द्वारा नियुक्त अधिकारी.
20. अंपायर - किसी मैच को नियंत्रित करने हेतु नियुक्त अधिकारी.
21. ऑपोनेंट - प्रतिस्पर्धी – एकल में – खिलाड़ी जिसकी स्ट्राईक नहीं है.
युगल में बाएं बैठा खिलाड़ी.
22.
हैंड (हाथ) - भुजा का उंगलियों से कलाई तक का भाग.
23.
फिंगर (
उंगली) – हाथ की उंगली में नाखून से दूसरे जोड़ तक का भाग..
24.
इमेजिनरी लाईन्स – काल्पनिक रेखाएं – पॉकेट से मध्य
की ओर खिंची तीरों
को आगे व पीछे बढ़ाने की सोचने
से बनने वाली रेखाएं.
25.
स्ट्रोक -
गोटियों पर स्ट्राईकर से चोट करना.
26. स्लेम - अ. वाईट स्लैम – ब्रेक से शुरु कर लगातार नियमानुसार सारी सफेद गोटियाँ व क्वीन लेकर बोर्ड खत्म कर देना.
आ. ब्लैक स्लैम - अपनी पहली स्ट्राईक पर बोर्ड पर की सारी काली गोटियाँ एवं क्वीन ( यदि बोर्ड पर हो तो) को नियमानुसार पॉकेट कर बोर्ड खत्म करना.
III. बैठना
27. एकल में प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी आमने – सामने बैठेंगे.
28.
युगल में जोड़ीदार आपने सामने बैठेंगे.
29.
खेल के दौरान स्टूल या कुर्सी को बिना हिलाए-डुलाए
खिलाड़ी अपने बैठने की स्थिति बदल सकता है.
30.
खेल के दौरान
अ.
(अपनी बारी में) खेलने वाली भुजा के सिवा खिलाड़ी
के शरीर का कोई भी भाग बोर्ड को नहीं छुएगा.
आ.
हाथ की चूड़ियाँ (कड़े), अंगूठी, कपड़े और घड़ी को
खिलाड़ी की बारी में छूट है, पर वे भी खेलने की सतह को नहीं छुएंगे.
31.
नियमित 50 सेमी की ऊँचाई के भीतर स्टूल या कुर्सी
पर किसी भी प्रकार की तह (गद्दा य कुशन) स्वीकार्य है.
32.
हाथ के सिवा, खिलाड़ी के शरीर का कोई भी भाग तीरों
के काल्पनिक रेखाओं के पार नहीं जाएगा.
IV. स्ट्राईक कैसे करें.
33. स्ट्राईकर पर चोट मारी जाएगी. निचोड़ा या धकेला नहीं जाएगा.
34.
उँगलियों के सहारे या बिना सहारे स्ट्राईकर को
उंगली से मारा जाएगा.
35.
खेल में किसी भी हाथ का प्रयोग स्वीकार्य है.
36.
खेल के दौरान हाथ खेल की सतह को छू सकेगा.
37.
सीमा - काल्पनिक रेखाएं –
अ.
खेल के दौरान खिलाड़ी की कोहनी फ्रेम से भीतर खेल
की सतह के ऊपर लाना या काल्पनिक रेखाओं के बाहर ले जाना वर्जित है.
आ.
केवल हाथ काल्पनिक रेखाओं से बाहर रह सकेगा.
38.
सहारा –
अ.
स्ट्राईक के दौरान स्टैंड या टेबल एवं कुर्सी या
स्टूल से किसी भी प्रकार का सहारा लेना वर्जित है.
आ. खिलाड़ी हाथ को अपने शरीर पर रख सकता है और मात्र पैर स्टूल या कुर्सी के सपोर्ट पर रखे जा सकते हैं.
V. टॉस –
39. स्ट्राईक व स्थान का निर्णय –
अ. प्रत्येक मैच के शुरु होने से पहले अंपायर द्वारा – सिक्का उछालकर, सिक्का फिरा कर या गोटियों के चयन द्वारा निर्णय लिया जाएगा कि स्ट्राईक व स्थान किस प्रकार आबंटित करना है. टॉस का विजेता स्ट्राईक या स्थान चुन सकेगा. एकल मैच में यदि विजेता स्थान चुनता है तो वे अंपायर को इसकी सूचना देंगे जो अन्य खिलाड़ी को पहले बैठने को कहेगा.
आ.
युगल मैच में भी ऊपर की तरह होगा.
इ.
यदि टॉस विजेता ब्रेक चुनता है तो स्थान चुनने का
अधिकार अन्य को होगा.ऐसे में टॉस विजेता को पहले बैठना होगा.
ई.
एक बार बैठने के बाद स्थान परिवर्तन नहीं हो सकेगा
और यही स्थिति पूरे मैच के दौरान रहेगी.
VI. ट्रॉयल बोर्ड –
40. टॉस के बाद मैच शुरु होने से पहले कुल दो – प्रत्येक के लिए एक ट्रायल बोर्ड होगा.
41.
गोटियों की
सजावट –
अ.
ब्रेक के पहले गोटियाँ सजाई जाएंगी. क्वीन मध्य
वृत्त में रखकर गोलाई में चारों तरफ सफेद व काली गोटिया बारी - बारी से रखी
जाएंगी. दूसरी वृत्त में हर गोटी के सरहाने पर सफेद गोटी रखी जाएगी और खाली
स्थानों को काली गोटियों से भर दिया जाएगा. इस प्रक्रिया में हमेशा गोलाई में काली
व सफेद गोटियाँ बारी – बारी से रखी नजर आएंगी. हर गोटी अपने पड़ोस के गोटियों को
छूती रहेगी. इसे सही करने के लिए खिलाड़ी अपनी उंगली या स्ट्राईकर का उपयोग कर
सकता है.
आ.
कम से कम समय में गोटियाँ लगाई जाएं.
42.
टॉस के अनुसार अधिकृत खिलाड़ी स्ट्राईक करेगा.
43.
ब्रेक करने वाले खिलाड़ी की गोटियाँ सफेद होंगी और
अन्य की काली. क्वीन दोंनों के लिए होगी.
44. स्ट्राईकर किसी भी गोटी को थोड़ा छू लेने मात्र से ब्रेक पूरा माना जाएगा.
45.
– ब्रेक की पूर्णता –
अ.
यदि स्ट्राईकर किसी भी गोटी को न छुए तो उसे ब्रेक
नहीं माना जाएगा चाहे वह बोर्ड पर कितना भी घूमे या उछल पड़े. ऐसे में खिलाड़ी को
ब्रेक करने हेतु दो और मौके मिलेंगे.
आ.
यदि तीनों मौकों में स्ट्राईक पूरा न हो तो बारी
अन्य के पास चली जाएगी लेकिन गोटियों की
सजावट नही बदलेगी और अन्य की गोटी काली ही रहेंगी.
इ.
यदि कोई खिलाड़ी ब्रेक के दौरान नियमेतर स्ट्राईक
करता है या अपना स्ट्राईकर पॉकेट करता है तो उसकी बारी पूरी मानी जाएगी, पर ड्यू
नहीं निकाला जाएगा.
46.
अंपायर के प्ले कॉल करने पर खेल शुरु माना जाएगा और
उसके 15 सेकंड में ब्रेक किया जाना है.
47. अंपायर के प्ले कॉल करने से पहले यदि ब्रेक किया गया तो पॉकेट की गई सभी गोटिया (क्वीन भी) वापस रख दी जाएंगी और फाउल काल भी होगी.
VIII. खेल की बारी.
48. जब तक खिलाड़ी की गोटियाँ या क्वीन पॉकेट होती रहेगी – खिलाड़ी की बारी चालू रहेगी अन्यथा बारी प्रतिस्पर्धी के पास चली जाएगी.
49.
ब्रेक की बारी –
क.
एकल मैच
अ.
पहले गेम में टॉस जीतकर पहला ब्रेक लेने वाले की
गोटियाँ सफेद होंगी और अन्य की काली होंगी. उसके बाद ब्रेक बारी – बारी से दोनों
को मिलेगे.
आ.
दूसरे गेम
में दूसरे खिलाड़ी को पहला ब्रेक करने का मौका मिलेगा और फिर ब्रेक पहले की तरह
बारी – बारी से दोनों को मिलेंगे.
इ.
तीसरी गेम में फिर पहले खिलाड़ी को पहला ब्रेक
मिलेगा
ख.
युगल मैच में ब्रेक या स्ट्राईक की बारी दाएं बैठे
खिलाड़ी को जाएगी
50.
गोटियों के रुकने, खिलाड़ी के स्ट्राईकर उठाने या
ड्यूज / फाउल रखे जाने या
छोड़ने के 15 सेकंड के भीतर अगले खिलाड़ी को अपनी बारी खेलनी पड़ेगी.
51.
अंपायर के ध्यान देने के पहले यदि कोई खिलाड़ी,
अपनी बारी के बिना स्ट्राईक करता है तो वह बोर्ड पर की क्वीन एवं अपनी गोटियों के
पूरे अंकों से हारा माना जाएगा. यदि इस पर प्रतिस्पर्धी और अंपायर का ध्यान नहीं
गया, तो खेल नियमानुसार आगे बढ़ जाएगा.
IX. स्कोर कैसे करें.
52. जीत और अंक
अ.
जो खिलाड़ी सबसे पहले अपनी सारी गोटियाँ पॉकेट कर लेगा
वह बोर्ड में जीता माना जाएगा.
आ.
गोटियों को अंक निम्नानुसार होंगे –
क.
क्वीन (क्वीन) – तीन अंक – 21 या उससे कम स्कोर तक.
ख.
सफेद या काली गोटी – एक अंक प्रति गोटी.
53.
मूल्याँकन
अ.
प्रतिस्पर्धी के बची गोटियों के अंक जीते खिलाड़ी
को मिलेंगी.
आ.
यदि उसने क्वीन कवर किया हो, तो जीतने पर उसे क्वीन के तीन अंक प्राप्त
होंगे.
इ.
क्वीन कवर करने पर भी बोर्ड हारने वाले खिलाड़ी को
कोई अंक नहीं मिलेंगे.
54.
यदि खिलाड़ी के 22 अंक हों तो क्वीन कवर कर जीतने
पर भी उसे क्वीन के अंक नहीं मिलेंगे.
55. किसी भी बोर्ड के अधिकतम अंक 12 ही होंगे. उससे ऊपर के हर प्रकार का ड्यू, फाउल - सभी माफ हो जाएंगे.
56.
गेम और जीत –
अ.
एक गेम 25 अंकों का होगा. जो खिलाड़ी पहले 25 अंक
प्राप्त कर लेगा या आठ बोर्ड के बाद अंकों में आगे रहेगा, वह गेम जीता माना जाएगा.
आ.
प्रि-क्वार्टरफाईनल व उससे पहले तक के मैच आठ बोर्ड
या 25 अंकों के आधार पर खेला (जीता या हारा) जाएंगे. यदि आठ बोर्ड के बाद अंक
बराबर रहे तो एक अतिरिक्त बोर्ड खेला जाएगा जिसमें स्ट्राईक के लिए अलग से टॉस
होगा.
57.
सारे मैच
बेस्ट ऑफ थ्री गेम्स के आधार पर निर्णीत होंगे.
X. स्थान परिवर्तन –
58. एकल मैच में खिलाड़ी हर गेम के बाद खिलाड़ी अपने सामने का स्थान ग्रहण करेगा. (यानी परस्पर अदला-बदली करेंगे)
59.
युगल मैच में हर गेम के बाद खिलाड़ी अपनी दायीं और
का स्थान ग्रहण करेंगे.
60.
तीसरे गेम में स्थान परिवर्तन –
अ.
प्रि-क्वार्टर फाईनल या उससे पहले के मैंचों में 4
बोर्ड या किसी भी खिलाड़ी के 13 अंक होने (जो पहले हो) पर खिलाड़ी स्थान परिवर्तन
करेंगे.
आ.
क्वार्टर फाईनल व उसके बाद के मैचों में किसी भी
खिलाड़ी का 13 अंक स्कोर होने के बाद ही स्थान परिवर्तन होगा.
इ.
यदि स्थान परिवर्तन किसी कारण से नहीं किया गया है
तो उसका ध्यान आते ही – बोर्ड खत्म होने पर अंपायर द्वारा स्थान परिवर्तन कराया
जाएगा.
61.
स्थान परिवर्तन के लिए खिलाड़ी दो मिनट से ज्यादा
का समय नहीं लेंगे.
XI. फाउल –
62.
सामान्यतया नियमों के उल्लंघन को फाउल कहा जाता है.
इसे दो भागों में बाँटा गया है – अ. तकनीकी फाउल; आ. फाउल.
63.
तकनीकी
फाउल
अ. तकनीकी फाउल – अपनी बारी मे खिलाड़ी के पहले स्ट्राईक से पहले उसके द्वारा नियमों के उल्लंघन पर तकनीकी फाउल कॉल होगी और खिलाड़ी की एक गोटी प्रतिस्पर्धी द्वारा बोर्ड पर नियमानुसार रखी जाएगी. खिलाड़ी की बारी चालू रहेगी.
आ. अपनी बारी के बिना किए गए नियमों के उल्लंघन भी तकनीकी फाउल की श्रेणी में रहेंगे.
64.
फाउल
अ.
अपनी बारी मे खिलाड़ी के पहले स्ट्राईक के बाद उसके
द्वारा नियमों के उल्लंघन पर फाउल कॉल होगी और खिलाड़ी की एक गोटी प्रतिस्पर्धी
द्वारा बोर्ड पर नियमानुसार रखी जाएगी. खिलाड़ी की बारी खत्म मानी जाएगी.
आ.
यदि किसी गोटी या क्वीन को पॉकेट करते समय फाउल
किया गया, तो पॉकेट की गई गोटियाँ व क्वीन बोर्ड पर लाई जाएंगी, साथ में फाउल के
लिए खिलाड़ी की एक अतिरिक्त गोटी भी आएगी और खिलाड़ी की बारी खत्म मानी जाएगी.
XII. बोर्ड पर की गोटियाँ.
65. गोटियों का उछलना –
अ.
यदि कोई गोटी या क्वीन उछलकर खेल की सतह के बाहर
गिरती है तो अंपायर द्वारा उसे मध्य सर्किल में य़था संभव ज्यादा से ज्यादा स्थान
देकर रखा जाएगा.
आ.
यदि क्वीन व गोटी दोनों उछलें तो अंपायर द्वारा
मध्य सर्किल में क्वीन को प्रथमिकता दी जाएगी और गोटी उसे छूते हुए, अगली चाल के
खिलाड़ी के विपरीत रखी जाएगी.
इ.
यदि काली व सफेद गोटी उछलें तो जिसके स्ट्राईक से
गोटियाँ उछली है, अंपायर द्वारा उसकी गोटी को मध्य सर्किल में प्राथमिकता दी
जाएगी. दूसरी गोटी नियम 65 (आ) के अनुसार रखी जाएगी.
ई.
यदि दो से ज्यादा गोटियाँ उछली हों तो पहली दो
गोटियाँ 65 (आ) व (इ) के अनुसार रखी जाएंगी और बाकी पहली दोनों को छूती हुई
खिलाड़ी से अधिकतम दूरी पर रखी जाएंगी.
66.
गोटियों का उछल कर लौटना
अ.
यदि गोटियाँ और या क्वीन किसी स्ट्राईक पर उछलकर
बाहर गिरकर फिर खेल की सतह पर आएँ तो उनको बाहर गिरा ही माना जाएगा. अंपायर उछली
गोटी या गोटियों या क्वीन को नियम 65 के अनुसार मध्य सर्किल में रखेगा एवं गोटियों
से बिगड़ी अन्य गोटियों को यथासंभव अपने स्थान पर रखेगा. अंपायर का यह निर्णय
अंतिम व सर्वमान्य होगा.
आ.
यदि नियम 66 के तहत गोटी लैंप शेड या बल्ब से
टकराकर बोर्ड पर गिरती हैं तो इसे सामान्य माना जाएगा. यदि इसमें कोई गोटी हिल गई
हो तो उसे अंपायर द्वारा सही जगह वापस रख दिया जाएगा.
XIII. लुढ़कती या परस्पर चढ़ी गोटियाँ.
67. यदि कोई गोटी या क्वीन खेल के दौरान खड़ी हो जाए तो उसे वैसे ही रहने दिया
जाएगा.
68.
यदि गोटियाँ या क्वीन आपस में परस्पर चढ़ी होंगी तो
उन्हे वैसे ही रहने दिया जाएगा.
69.
- गोटी या क्वीन पर स्ट्राईकर -
अ.
यदि स्ट्राईकर गोटी या क्वीन पर चढ़ जाए तो अंपायर
गोटी को बिना हिलाए स्ट्राईकर निकालने की कोशिश करेगा. यदि इसमें गोटी हिले तो उसे
यथा स्थान रख देगा.
आ.
यदि पाकेट के मुहाने (मुँह पर) स्ट्राईकर निकालने
पर गुरुत्व के या किसी और वैध कारण से गोटी या क्वीन पाकेट में गिर जाए तो उसे
पाकेट हुआ माना जाएगा. यदि गोटी प्रतिस्पर्धी की न हुई तो खिलाड़ी की बारी जारी
रहेगी. (यदि स्ट्राईकर पाकेट में गिरे तो ड्यूज काल होगी.)
70.
- स्ट्रईकर पर गोटी या क्वीन –
अ.
यदि स्ट्राईकर पर गोटी या क्वीन चढ़े तो अंपायर
गोटी या क्वीन उठाकर स्ट्राईकर निकाल कर पुनः यथावत रखेगा.
आ.
यदि ऐसा
करने पर गुरुत्व के या किसी और वैध कारण से स्ट्राईकर पाकेट में गिर पड़े तो ड्यूज
काल होगा व नियमानुसार गोटियाँ और / या क्वीन बाहर ला दी जाएंगी. (यदि गोटी या क्वीन
पाकेट में गिरे तो नियमानुसार पाकट मानी जाएंगी)
71. यदि पाकेट के पास लटकती गोटी किसी स्ट्राईक के कारण कंपन से पाकेट में गिर जाती है तो उसे नियमानुसार पाकेट किया माना जाएगा.
XIV. ड्यूज़ (बकाया) और प्नाल्टी (जुर्माना)
72.
नियमानुसार स्ट्रोक से पाकेट में स्ट्राईकर –
अ.
यदि किसी नियमानुसार स्ट्रोक से खिलाड़ी का
स्ट्राईकर पाकेट हो जाता है तो उसकी बारी समाप्त मानी जाएगी और अंपायर के ड्यूज
काल पर प्रतिस्पर्धी द्वारा उसकी एक गोटी नियमानुसार बोर्ड पर रखी जाएगी.
आ.
यदि 72 (अ)
की स्थिति नियमेतर हो तो एक और गोटी पेनाल्टी या फाउल की निकाली जाएगी.
इ.
यदि किसी गोटी के पाकेट होने से पहले ऐसा हो तो
ड्यू बकाया रहेगी और उपलब्ध होने पर प्रतिस्पर्धी द्वारा निकाली जाएगी.
73.
यदि नियमानुसार खिलाड़ी अपनी गोटी व स्ट्राईकर साथ
में पाकेट करता है तो ड्यूज काल पर पाकेट की गई गोटी के साथ प्रतिस्पर्धी द्वारा
खिलाड़ी की एक और गोटी ( दूसरी) निकाली जाएगी. खिलाड़ी की बारी चालू रहेगी.
74.
यदि नियमानुसार खिलाड़ी प्रतिस्पर्धी की गोटी व
स्ट्राईकर पाकेट करता है तो प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी की एक गोटी निकालेगा.
प्रतिस्पर्धी की गोटी नियमानुसार पाकेट की गई मानी जाएगी. खिलाड़ी की बारी समाप्त
हो जाएगी.
75.
यदि खिलाड़ी स्ट्राईकर के साथ अपनी और प्रतिस्पर्धी
की गोटीयाँ पाकेट करता है तो ड्यूज काल पर प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी की पाकेट की गई
गोटियों के साथ एक और गोटी निकालेगा. खिलाड़ी की चाल चालू रहेगी. प्रतिस्पर्धी की
गोटी पाकेट मानी जाएगी.
76.
यदि खिलाड़ी प्रतिस्पर्धी की गोटी नियमेतर पाकेट
करता है तो भी प्रतिस्पर्धी की गोटी नियमानुसार पाकेट ही मानी जाएगी और फाउल काल
पर खिलाड़ी की एक गोटी निकाली जाएगी.
77.
नियमेतर स्ट्रोक से पाकेट में स्ट्राईकर –
अ.
यदि 72 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से होते हैं
तो ड्यूज के साथ फाउल की एक और (दूसरी) गोटी भी निकाली जाएगी.
आ.
यदि 73के हालात नियमेतर स्ट्रोक से हों तो एक और
गोटी ( तीसरी) फाउल काल की भी साथ निकाली जाएगी. खिलाड़ी की बारी खत्म हो जाएगी.
78.
ड्यूज या
फाउल कौन निकाले ...
अ.
ड्यूज या पेनाल्टी के समय निकालने लिए गोटी उपलब्ध
न होने पर, गोटी के उपलब्ध होते ही – खिलाड़ी की स्ट्रोक के तुरंत बाद ( चाहे उसी
की चाल चल रही हो) प्रतिस्पर्धी द्वारा गोटी निकाली जाएगी.
आ.
युगल में –
क.
युगल गेम में खिलाड़ी के दाएँ बैठने वाला
प्रतिस्पर्धी (जिसकी अगली बारी होगी) गोटी उपलब्ध होने पर अपनी बारी पर ही ड्यूज या पेनाल्टी निकालने का अधिकारी होगा.
ख.
यदि प्रतिस्पर्धी ड्यूज या पेनाल्टी वाले खिलाड़ी
की गोटी पाकेट करता है तो वह खुद ही ड्यूज या पेनाल्टी निकालेगा और नियमानुसार
बोर्ड पर रखेगा.
79. ड्यूज या पेनाल्टी के लिए जगह –
अ.
यदि ड्यूज या पेनाल्टी रखने के लिए गोटी उपलब्ध है
या हो गई है किंतु नियमानुसार उसे रखने के लिए जगह उपलब्ध नही है तो उसे अंपायर से
कहकर जगह उपलब्ध होते ही ड्यूज या पेनाल्टी निकालने की अनुमति होगी.
आ.
युगल में जिस खिलाड़ी के पास ड्यूज या पेनाल्टी
रखने का अधिकार होगा उसे ही निकालना या रखना होगा.
80.
यदि स्थान व गोटी के उपलब्ध रहने पर भी, पेनाल्टी
होने के डर से यदि कोई खिलाड़ी ड्यूज या पेनाल्टी नहीं निकालना चाहे तो वह
पेनाल्टी या ड्यूज रद्द मानी जाएगी और फिर उसे रखने का अधिकार नहीं बचेगा.
81.
जगह व गोटी उपलब्ध होने पर, अपनी बारी में अधिकृत
खिलाड़ी तुरंत ड्यूज निकालेगा.
82.
ड्यूज / पेनाल्टी रखने में भूल
अ.
खिलाड़ी भूल से प्रतिस्पर्धी के बदले अपनी गोटी
निकालता है और अंपायर या प्रतिस्पर्धी का इस पर ध्यान जाता है तो अंपायर उसे ठीक
कराएगा और खिलाड़ी पर फाउल काल करेगा.
आ.
यदि अगली स्ट्रोक तक 82 (अ) की भूल अनदेखी हो जाए
तो सब कुछ सही मान लिया जाएगा.
83.
यदि एक से ज्यादा गोटियाँ निकालनी हो तो उपलब्ध
गोटियाँ निकाल ली जाएंगी और बकाया उपलब्ध होने पर खिलाड़ी द्वारा निकाली जाएंगी.
यदि अगले स्ट्रोक तक न निकाला गया, तो बकाया रद्द मानी जाएगी.
84.
प्लेसिंग ( ड्यू या पेनाल्टी रखना) –
अ.
बाहरी वृत्त के भीतर गोटी से उंगली हटने पर
प्लेसिंग पूरी मानी जाएगी.
आ.
प्लेसिंग के समय स्ट्राईकर और / या गोटी पकड़ना मना है.
85.
यदि खिलाड़ी प्लेसिंग को बाह्य वृत्त के बाहर ले
जाता है या रख देता है तो अंपायर उसे बाह्य वृत्त के अंदर रखने को कहेगा और फाउल
काल देगा.
86.
प्लेसिंग के दौरान खिलाड़ी किसी गोटी और / या क्वीन को नहीं
हिलाएगा.ऐसा होने पर अंपायर फाउल काल करेगा और हिले गोटियों को यथासंभव-यथास्थान
रखेगा.
87.
ड्यूज या
पेनाल्टी छोडना.
अ.
कोई भी खिलाड़ी प्रतिस्पर्धी के ड्यूज व पेनाल्टी
को पूरी तरह ( आंशिक नहीं) छोड़ सकेगा.यदि यह निर्णय अंपायर को काल के 15 सेकंड
में नहीं बताया गया तो वह प्लेसिंग का अधिकार ही खो देगा.
आ.
लाभार्थी
बोर्ड के पूरा होने पर अतिरिक्त बचे अंको की पूरी या अंशिक अंक की मांग कर सकता
है.
88.
– प्लेसिंग
हेतु समय -
अ.
अंपायर द्वारा काल करने से प्लेसिंग के लिए 15
सेकंड का समय होगा.
आ.
यदि निर्धारित समय में सारे ड्यूज व पेनाल्टी प्लेस
नहीं किए गए तो अंपायर रखी हुई सारी गोटियों को निकलवाएगा और रखने वाले पर फाउल
काल करेगा.
89.
खिलाड़ियों के ड्यूज/ पेनाल्टी का परस्पर रद्द होना.
अ.
खिलाड़ियों के ड्यू और / या पेनाल्टी परस्पर रद्द
नहीं हो सकेंगे.
आ.
ड्यू या
पेनाल्टी मध्य वृत्त को आंशिक या पूरी तरह घेर कर नहीं रखा जाएगा. ऐसा करने पर
अंपायर उसे ठीक करवाएगा और खिलाड़ी पर फाउल काल करेगा.
90.
युगल में अधिकृत खिलाड़ी का सहयोगी गोटियाँ नहीं
निकालेगा.यदि खिलाड़ी को अपने दोनों तरफ के पाकेट में वाँछित गोटी नहीं मिले तो वह
गोटियों का रंग व उनकी संख्या बताकर अंपायर से गोटियों हेतु विनती करेगा.
91.
खेल के दौरान यदि कोई खिलाड़ी किसी भी कारण अपने
सीट से उठ जाता है तो वह बोर्ड पर के क्वीन व अपनी गोटियों के अंको के योग बोर्ड
हारा माना जाएगा.यदि प्रतिस्पर्धी के 22 अंक हो गए हैं तो उसे क्वीन के अंक नहीं
मिलेंगे.
XV. – क्वीन –
92. अपनी गोटी पाकेट होने के बाद खिलाड़ी क्वीन पाकेट कर कवर कर सकता है.
93.
क्वीन हमेशा अंपायर द्वारा मध्य वृत्त में रखी
जाएगी.
94.
यदि मध्य वृत्त, किसी गोटी से आंशिक या पूरी तरह
घिरा हो तो क्वीन मध्य वृत्त के उपलब्ध लाल भाग में ज्यादातर भाग को घेरते हुए रखी
जाएगी. यदि ऐसा करने के एक से ज्यादा तरीके संभव हों तो बारी वाले खिलाड़ी के लिए
सबसे कठिन स्थान पर रखी जाएगी. इस पर अंपायर का निर्णय अंतिम होगा.
95.
- क्वीन पाकेटिंग –
अ.
यदि किसी गोटी से पहले खिलाड़ी क्वीन पाकेट करे तो
क्वीन बोर्ड पर लौटाई जाएगी और खिलाड़ी का बारी खत्म हो जाएगी.
आ.
खिलाड़ी पर ड्यू होने पर भी वह क्वीन पाकेट करता है
तो क्वीन बोर्ड पर लौटाई जाएगी और खिलाड़ी का बारी खत्म हो जाएगी.
इ.
ड्यू/ पेनाल्टी रख देने के बाद, खिलाड़ी की पूरी नौ
गोटियाँ बोर्ड पर रहते हुए भी वह क्वीन को पाकेट कर कवर करने का अधिकारी होगा.
ई.
ब्रेक या तत्पश्चात किसी स्ट्रोक में – जब खिलाड़ी
की पूरी नौ गोटियाँ बोर्ड पर हों – और क्वीन के साथ स्ट्राईकर पाकेट करे तो क्वीन
लौटाई जाएगी, ड्यू काल होगा और खिलाड़ी की बारी समाप्त हो जाएगी.
96.
यदि पाकेट की गई क्वीन का कवर नहीं हुआ हो तो क्वीन
बोर्ड पर लौटाई जाएगी. यदि यह अंपायर व खिलाड़ियों द्वारा अनदेखी हो गई तो क्वीन
उसी खिलाड़ी द्वारा नियमानुसार कवर किया गया माना जाएगा.
97.
- क्वीन व
कवर एक ही स्ट्रोक में –
अ.
यदि एक ही स्ट्रोक में खिलाड़ी की गोटी व क्वीन पाकेट हो जाएं तो
क्वीन कवर मान ली जाएगी.
आ.
लेकिन ब्रेक या तत्पश्चात किसी स्ट्रोक में जब खिलाड़ी की पूरी नौ
गोटियाँ बोर्ड पर हों तो एक स्ट्रोक में क्वीन व गोटी जाने पर भी क्वीन को कवर
करना पड़ेगा. यदि क्वीन के साथ एक से अधिक गोटियाँ पाकेट हो जाएं, तो क्वीन कवर
मान ली जाएगी.
98.
- क्वीन,
कवर व स्ट्राईकर एक साथ –
अ.
यदि खिलाड़ी की गोटी, क्वीन व स्ट्राईकर तीनों एक
ही नियमानुसार स्ट्रोक में पाकेट हों तो ड्यू काल होगा, क्वीन व दो गोटियाँ (गिरी
गोटियों के साथ ड्यू की एक और गोटी) निकाली जाएंगी. खिलाड़ी की बारी चालू रहेगी.
आ.
यदि 98 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से हो तो फाउल
की एक और (तीन) गोटियाँ निकाली जाएंगी.
99.
क्वीन व
स्ट्राईकर साथ में
अ.
यदि एक ही स्ट्रोक में क्वीन व स्ट्राईकर पाकेट हों
तो ड्यू काल होगा क्वीन व एक गोटी लौटाई जाएगी और खिलाड़ी की बारी चालू रहेगी
आ.
यदि 99 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से हो तो
क्वीन के साथ दो (फाउल की एक और गोटी) गोटियाँ निकाली जाएंगी.
100. कवर करते वक्त ड्यू (स्ट्राईकर पाकेट)
अ.
क्वीन कवर करते वक्त यदि नियमानुसार स्ट्रोक से
स्ट्राईकर पाकेट हो जाए तो ड्यू काल होगा एवं क्वीन के साथ खिलाडी की एक गोटी भी
निकाली जाएगी. खिलाड़ी की बारी समाप्त हो जाएगी.
आ.
यदि 100 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से हुए
तो क्वीन के साथ (फाउल की एक और गोटी) दो गोटियाँ निकाली
जाएंगी. खिलाड़ी की बारी समाप्त हो जाएगी.
101. कवर में स्ट्राईकर व गोटियाँ साथ
अ.
क्वीन कवर करते समय यदि कोई खिलाड़ी अपनी गोटी के
साथ स्ट्राईकर पाकेट करता है पाकेट की गई गोटी के साथ ड्यूज की एक और गोटी निकाली
जाएगी और खिलाड़ी की बारी चालू रहेगी. यदि अगले स्ट्रोक में अपनी गोटी पाकेट करता
है तो क्वीन कवर मानी जाएगी अन्यथा अंपायर द्वारा बोर्ड पर रखी जाएगी.
आ.
यदि 101 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से उपजें तो फाउल काल की एक और
गोटी निकाली जाएगी.
102. कवर में दोनों की आखरी गोटी साथ साथ पाकेट-
अ.
यदि क्वीन के कवर में खिलाड़ी अपनी व प्रतिस्पर्धी
की गोटी पाकेट करता है तो वह क्वीन के तीन अंकों से बोर्ड जीता माना जाएगा. लेकिन
यदि उसके अंक 22 या उससे अधिक हों तो उसे मात्र एक ही एंक मिलेगा.
आ.
यदि 102 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से उपजें तो
प्रतिस्पर्धी को क्वीन के तीन अंक मिल जाएंगे. लेकिन यदि उसके अंक 22 या उससे अधिक
हों तो उसे मात्र एक ही एंक मिलेगा. लाभार्थी को मांगने पर फाउल का एक अतिरिक्त
अंक भी दिया जाएगा.
103. कवर में प्रतिस्पर्धी की आखरी गोटी.
अ.
यदि क्वीन कवर करते हुए खिलाड़ी प्रतिस्पर्धी की
आखरी गोटी पाकेट करता है तो प्रतिस्पर्धी को क्वीन व खिलाड़ी के गोटियों के अंक
मिलेंगे. लेकिन यदि उसके अंक 22 या उससे अधिक हों तो उसे मात्र गोटियों के ही अंक मिलेगे. ध्यान रहे कि नियम 55 की
अवहेलना न हो.
अ.
यदि 103 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से उपजें तो
लाभार्थी को मांगने पर फाउल का एक अतिरिक्त अंक भी दिया जाएगा. ध्यान रहे कि नियम
55 की अवहेलना न हो.
104. क्वीन व दोनों की आखरी गोटियाँ साथ में
अ. यदि खिलाड़ी क्वीन के साथ अपनी और प्रतिस्पर्धी की
आखरी गोटी भी पाकेट करता है तो वह क्वीन के तीन अंकों से बोर्ड जीता माना जाएगा.
लेकिन यदि उसके अंक 22 या उससे अधिक हों तो उसे मात्र एक ही एंक मिलेगा.
आ.
यदि 104 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से उपजें तो
प्रतिस्पर्धी को क्वीन के तीन अंकों से
बोर्ड जीता माना जाएगा. लेकिन यदि उसके अंक 22 या उससे अधिक हों तो उसे मात्र एक
ही अंक मिलेगा. लाभार्थी को मांगने पर फाउल का एक अतिरिक्त अंक भी दिया जाएगा.
105. क्वीन के बोर्ड पर रहते हुए दोनों आखरी गोटी पाकेट-
अ.
यदि खिलाड़ी क्वीन के बोर्ड पर रहते हुए दोनों आखरी
गोटी पाकेट करता है तो प्रतिस्पर्धी को क्वीन के तीन अंकों से बोर्ड जीता माना
जाएगा. लेकिन यदि उसके अंक 22 या उससे अधिक हों तो उसे मात्र एक ही एंक मिलेगा.
आ.
यदि 105 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से उपजें तो
लाभार्थी को मांगने पर फाउल का एक अतिरिक्त अंक भी दिया जाएगा.
106. क्वीन बोर्ड पर और प्रतिस्पर्धी का आखरी गोटी पाकेट
अ.
यदि खिलाड़ी क्वीन के बोर्ड पर रहते हुए
प्रतिस्पर्धी की आखरी गोटी पाकेट कर देता है तो प्रतिस्पर्धी को क्वीन व खिलाड़ी
के गोटियों के अंक मिलेंगे. लेकिन यदि उसके अंक 22 या उससे अधिक हों तो उसे मात्र
गोटियों के ही अंक मिलेगे. ध्यान रहे कि
नियम 55 की अवहेलना न हो.
आ.
यदि 106 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से उपजें तो
लाभार्थी को मांगने पर फाउल का एक अतिरिक्त अंक भी दिया जाएगा. ध्यान रहे कि नियम
55 की अवहेलना न हो.
107. क्वीन के बोर्ड पर रहते अपनी आखरी गोटी पाकेट
अ.
यदि खिलाड़ी क्वीन के बोर्ड पर रहते अपनी आखरी गोटी
पाकेट करता है तो प्रतिस्पर्धी क्वीन के तीन अंकों से बोर्ड जीता माना जाएगा.
लेकिन यदि उसके अंक 22 या उससे अधिक हों तो उसे मात्र एक ही एंक मिलेगा
आ.
यदि 107 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से उपजें तो
लाभार्थी को मांगने पर फाउल का एक अतिरिक्त अंक भी दिया जाएगा.
108. क्वीन के बोर्ड पर रहते अपनी आखरी गोटी के साथ
स्ट्राईकर
अ.
यदि क्वीन के बोर्ड पर रहते हुए खिलाड़ी ने अपनी
आखरी गोटी के साथ स्ट्राईकर पाकेट किया तो प्रतिस्पर्धी क्वीन के तीन अंकों से
बोर्ड जीता माना जाएगा. लेकिन यदि उसके अंक 22 या उससे अधिक हों तो उसे मात्र एक
ही अंक मिलेगा. लाभार्थी को मांगने पर ड्यूज का एक अतिरिक्त अंक दिया जाएगा.
आ.
यदि 108 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से उपजें तो
लाभार्थी को मांगने पर फाउल का एक अतिरिक्त अंक भी दिया जाएगा.
109. स्ट्राईकर , क्वीन व दोनों की आखरी गोटियाँ एक साथ
अ.
यदि क्वीन के साथ खिलाड़ी अपनी व प्रतिस्पर्धी की
आखरी गोटी और साथ में स्ट्राईकर पाकेट
करता है तो प्रतिस्पर्धी क्वीन के तीन अंकों से बोर्ड जीता माना जाएगा. लेकिन यदि
उसके अंक 22 या उससे अधिक हों तो उसे मात्र एक ही अंक मिलेगा. लाभार्थी को मांगने
पर ड्यूज का एक अतिरिक्त अंक दिया जाएगा.
आ.
यदि 109 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से उपजें तो
लाभार्थी को मांगने पर फाउल का एक अतिरिक्त अंक भी दिया जाएगा.
110. क्वीन कवर करने के बाद, अपनी और प्रतिस्पर्धी की आखरी गोटी और स्ट्राईकर साथ में.
अ.
यदि खिलाड़ी खुद क्वीन कवर करने के बाद, अपनी व
प्रतिस्पर्धी की आखरी गोटी के साथ स्ट्राईकर भी पाकेट करता है तो वह बोर्ड एक अंक
से हार जाएगा. लाभार्थी के मांगने पर ड्यूज का एक अतिरिक्त अंक दिया जाएगा.
आ.
यदि 110 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से उपजें तो
लाभार्थी को मांगने पर फाउल का एक अतिरिक्त अंक भी दिया जाएगा.
111. क्वीन के रहते प्रतिस्पर्धी की आखरी गोटी के साथ
स्ट्राईकर
अ.
यदि खिलाड़ी क्वीन के बोर्ड पर रहते हुए
प्रतिस्पर्धी की आखरी गोटी के साथ स्ट्राईकर पाकेट करता है तो प्रतिस्पर्धी क्वीन
व खिलाड़ी की गोटियों के अंको से जीतेगा. लाभार्थी को मांगने पर ड्यूज का एक
अतिरिक्त अंक भी दिया जाएगा. ध्यान रहे कि नियम 55 की अवहेलना न हो.
आ.
यदि 109 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से उपजें तो
लाभार्थी को मांगने पर फाउल का एक अतिरिक्त अंक भी दिया जाएगा. ध्यान रहे कि नियम
55 की अवहेलना न हो.
112. प्रतिस्पर्धी द्वारा क्वीन कवर के बाद अपनी व
प्रतिस्पर्धी की आखरी गोटी
के साथ स्ट्राईकर पाकेट में.
अ.
यदि प्रतिस्पर्धी द्वारा क्वीन कवर के बाद खिलाड़ी
अपनी व प्रतिस्पर्धी की आखरी गोटी के साथ स्ट्राईकर पाकेट करता है तो प्रतिस्पर्धी
तीन अंको से जीता माना जाएगा. यदि प्रतिस्पर्धी के अंक 22 या उससे ज्यादा हैं उसे
को एक ही अंक मिलेगा. लाभार्थी को मांगने पर ड्यूज का एक अतिरिक्त अंक भी दिया
जाएगा.
आ.
यदि 109 (अ) के हालात नियमेतर स्ट्रोक से उपजें तो
लाभार्थी को मांगने पर फाउल का एक अतिरिक्त अंक भी दिया जाएगा.
113. यदि किसी भी कारण से क्वीन पाकेट पर झूलती हालत में है और किसी स्ट्रोक पर कंपन या अन्य वैध कारणों से वह गिर जाती है तो उसे नियमानुसार पॉकेट किया माना जाएगा.
114. कोई भी खिलाड़ी ड्यूज या पेनाल्टी को क्वीन के साथ शॉट बनाने की तरह से नहीं रख पाएगा. ऐसा करने पर खिलाड़ी पर फाउल काल होगी व उसकी एक गोटी निकाली जाएगी.
XVI. सामान्य
115. स्ट्रोक – स्ट्राईकर द्वारा ही लगाई जाएगी. स्ट्राईकर खिलाड़ी खुद लाएगा और खेल से पूर्व मुख्य निर्णायक उन्हें प्रमाणित करेगा.
116.
यदि स्ट्राईक में खिलाड़ी की गोटी या क्वीन पाकेट
होकर स्ट्राईकर बोर्ड से उछल जाता है तो भी खिलाड़ी की बारी चालू रहेगी.
117.
कोई भी खिलाड़ी बोर्ड के समापन पर ही अपना
स्ट्राईकर, मुख्य निर्णायक द्वारा प्रमाणित दूसरे स्ट्राईकर द्वारा, अंपायर की
अनुमति से बदल सकेगा. यदि खेल के दौरान स्ट्राईकर टूट-फूट जाता है तो अंपायर
द्वारा स्ट्रोक के बाद उसे बदलने की अनुमति दी जाएगी.
118. बोर्ड की स्थिति
अ.
एक बार स्थिर करने के बाद मैच के दौरान बोर्ड की
स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होगा.
आ.
किसी खिलाड़ी द्वारा विनती या आपत्ति पर जाँच के
बाद सही करने का एक मात्र अधिकार अंपायर के पास होगा.
119. किसी मैच के लिए आबंटित स्टैंड /टेबल और बोर्ड किसी बोर्ड की
पूर्णता पर ही बदले जा सकेंगे. इसका एक मात्र अधिकार अंपायर के पास होगा.
120. बिगड़ी हुई या टूटू फूटी गोटी बदलने की विनती पर
अंपायर द्वारा उसे बदल कर नई गोटी यथा संभव यथास्थान रखा जाएगा.
121. समय व खेल का रुक जाना – बोर्ड हारना.
अ.
खेल के दौरान किसी खिलाड़ी द्वारा अंपायर से शिकायत
या आपत्ति जताने पर समय का लेखा रुक जाएगा और निदान के बाद अंपायर के प्ले काल पर
फिर शुरु हो जाएगा.
आ.
यदि कोई खिलाड़ी इसकी अवहेलना करता है तो बोर्ड पर
उस समय की स्थिति में हारा माना जाएगा.
122. पाउडर का फैलाव –
अ.
खिलाड़ी अपनी ही बारी में, स्ट्राईक से पहले बोर्ड
पर समान रूप से पाउडर फैलाएगा. पाउडर का फैलाव न बहुत ही ज्यादा होगा न ही बहुत
कम.
आ. “प्ले” काल के बाद
क. अंपायर द्वारा प्ले काल के बाद न तो पाउडर डाला जाएगा न ही निकाला जाएगा.
ख. पाउडर सरकाने या हटाने की किसी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी.
ग. फूँक कर, पोंछकर या किसी अन्य तरीके से पाउडर हटाने/ सरकाने की प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी.
122 (आ) के (क), (ख), (ग), के विरुद्ध कार्य करने पर फाउल काल होगी व खिलाड़ी की एक गोटी निकाल कर बोर्ड पर रखी जाएगी.
इ.
खिलाड़ी के बेस लाईन या बेस वृत्तों पर ज्यादा
पाउडर हो तो अपनी बारी में खिलाड़ी उसे स्ट्राईकर से हटा सकेगा.
ई.
अंपायर को पाउडर के नियंत्रण का पूरा अधिकार होगा.
उ.
खेल के दौरान धूल, कीट या अत्यधिक पाउडर को हटाने के लिए अंपायर से विनती
करनी होगी.
123. स्ट्रोक के बाद हिलती गोटियाँ, क्वीन व स्ट्राईकर
के रुकने पर ही स्ट्रोक पूरा हुआ माना जाएगा. खिलाड़ी द्वारा स्ट्रोक के बाद तुरंत
स्ट्राईकर उठा लिया जाएगा. विनती पर अंपायर सहायक हो सकेगा.
124. समय का आकलन
अ.
खिलाडी द्वारा अपनी गोटी या क्वीन डालना तो सही पर
स्ट्रोक पूरा होते साथ समय का आकलन शुरु हो जाएगा.
आ.
यदि किसी स्ट्रोक में खिलाड़ी की गोटी या क्वीन
पाकेट नहीं होती तो खिलाड़ी द्वारा अपना स्ट्राईकर उठाने पर ही प्रतिस्पर्धी के
समय का आकलन शुरु होगा.
इ. कोई भी खिलाड़ी प्रतिस्पर्धी के स्ट्राईकर उठाने से
पहले स्ट्राईक नहीं करेगा.
125. प्रतिस्पर्धी की गोटी पाकेट करना.
अ.
यदि जानबूझ कर या अनजाने में खिलाड़ी प्रतिस्पर्धी
की गोटी पाकेट करता है तो अंपायर उसे रोकेगा.
आ.
यदि अंपायर से भी यह अनदेखी हो गई तो गोटियों को
नियमानुसार पाकेट किया माना जाएगा.
126. गोटियों को बिगाड़ना.
अ.
जानबूझ कर या अन्जाने में यदि कोई खिलाड़ी बोर्ड पर
या को खटखटाता है, ठोकता है या किसी और
तरीके से क्वीन या गोटियों को छेड़ता है तो अंपायर द्वारा उस पर फाउल काल होगी व
खिलाड़ी की एक गोटी निकाली जाएगी.
आ.
यदि बिगड़े गोटियों को यथा स्थान संतोषप्रद तरीके
से रखना असंभव हो तो खिलाड़ी उसी स्थिति में बोर्ड हारा घोषित किया जाएगा और
प्रतिस्पर्धी को बोर्ड पर के अंक प्राप्त होंगे.
127. बेस लाईन से स्ट्रआईकर हटना.
अ.
स्ट्रोक के दौरान यदि स्ट्राईकर किसी भी बेस लाईन
या बेस सर्किल से हट जाता है तो स्ट्रोक पूरी मानी जाएगी. चाहे स्ट्राईकर गोटी को
छूए या न छूए.
आ.
यदि स्ट्रोक के दौरान स्ट्राईकर छूट जाता है किंतु
न ही वह बेस लाईन या बेस सर्किल से हटता है और न ही किसी गोटी को छूता है तो
स्ट्राईक पूरी नहीं मानी जाएगी और खिलाड़ी की बारी चालू रहेगी.
128. खिलाड़ी केवल अपनी बारी के दौरान अंपायर से स्कोर
पूछ व जान सकेगा.
129. कोई भी खिलाड़ी किसी भी तरह से प्रतिस्पर्धी का
ध्यान खेल से नहीं हटाएगा.
130. स्ट्रोक के समय स्ट्राईकर की स्थिति.
अ.
स्ट्राईक के दौरान स्ट्राईकर दोनों बेस लाईनों को
छुएगा.
आ.
यदि बेस सर्किल से स्ट्राईक किया जाना है तो
स्ट्राईकर पूरे बेस सर्किल को ढँकेगा. किंतु तीर के निशान से दूर रहेगा.
131. युगल गेम में जोड़ीदार आपस में किसी प्रकार भी
संवाद नहीं कर सकेंगे.ऐसे होने पर फाउल काल होगी.
132. अंपायर की अनुमति के बिना खिलाड़ी दर्शक से
संवाद नहीं करेगा.
133. अपनी बारी में खिलाड़ी स्ट्राईकर के अलावा कोई भी
ठोस वस्तु हाथ में नहीं पकड़ेगा.
134. नियमानुसार स्ट्रोक के अलावा गोटी या क्वीन के किसी
भी तरह हिलाया या छुआ नहीं जाएगा. ऐसा होने पर अंपायर द्वारा उसे यथा स्थान रखकर
फाउल काल किया जाएगा.
135. बोर्ड के दौरान बोर्ड पर स्ट्राईकर की चाल परखी
नहीं जाएगी.
136. बोर्ड या फ्रेम पर स्ट्राईकर व गोटी.
अ.
खेल के दौरान खिलाड़ी स्ट्राईकर बोर्ड के फ्रेम पर
नहीं रखेगा.
आ.
ड्यू या पेनाल्टी रखते वक्त खिलाड़ी गोटी और / या स्ट्राईकर अपनी तरफ के बेसलाईन व फ्रेम के बीच रख
सकता है.
137. यदि सभी खिलाड़ी लगातार तीन बार बारी छोड़ देते हैं
(यानी पास कर देते हैं) तो बोर्ड रद्द समझा जाएगा व पुनः खेला जाएगा.
138. दूसरे व तीसरे गेम के मध्य अंतराल 10 मिनट का होगा.
139. कोई भी खिलाड़ी मैच के दौरान कभी भी हार स्वीकार कर
सकता है.
140. अंपायर के नियंत्रण के बाहर किसी भी अप्रत्याशित
अवस्था में बोर्ड पुनः खेला जाएगा.
141. यदि किसी स्ट्रोक में गोटी खराब हो जाती है या टूट
फूट जाती है तो गोटी का बड़ा भाग गोटी माना जाएगा. इसमें अंपायर का निर्णय अंतिम
होगा.
142. यदि बेस सर्किल व बेस लाईन पर गोटियाँ इस तरह जम जाएं कि खिलाड़ी स्ट्राईकर रखने हेतु स्थान के आभाव में, स्ट्रोक नही लगा पाए तो बोर्ड रद्द कर पुनः खेला जाएगा.
XVII. पूरे मैच का नुकसान
143. निम्न अनुशासन-हीनता के कारणों से खिलाड़ी को पूरा मैच खोना पड़ेगा.
अ. खेल के दौरान किन्हीं भी कारणों से अंपायर की
अनुमति के बिना मैच बोर्ड के क्षेत्र (3.05 मीटर) से बाहर चले जाना.
आ. खेल में या अंतराल में समय सीमा का उल्लंघन करना.
इ. अंपायर या मुख्य निर्णायक के निर्णय को न मानना.
ई. अंपायर, मुख्यनिर्णायक या किसी अन्य अधिकारी के प्रति
निंदनीय टिप्पणी करना.
उ. धुआँ, मद पानीयों या नशीली पदार्थों का सेवन करना
या सेवन से महकना.
ऊ. अप्रमाणित स्ट्राईकर से खेलना.
ऋ. अंपायर की अनुमति के बिना मैच को बीच में छोड़ना.
ऌ. अंपायर की चेतावनी के बावजूद दो से ज्यादा बार
प्रतिस्पर्धी का ध्यान खेल से भटकाना.
ऍ. निर्धारित समय से 15 मिनट के भीतर निर्धारित मैच
बोर्ड पर उपस्थिति अंपायर को सूचित न करना.
XVIII. आपत्ति
144. सारी आपत्तियाँ अंग्रेजी में लिखकर खिलाड़ी अथवा टीम कप्तान या मेनेजर द्वारा हस्ताक्षरित कर अंपायर या मुख्य निर्णायक के हस्ताक्षर द्वारा प्रतिस्पर्धा या टूर्नामेंट के सचिव के सुपुर्द की जाएगीं.
145. हालातों के समय अंपायर को जाँच फीस के साथ, आपत्ति की मौखिक (रुबरू) सूचना दी जाएगी. फीस के बिना आपत्ति स्वीकृत नहीं होगी.
146. बोर्ड विशेष (जिसमें आपत्ति हुई हो) के समाप्त होने के 15 मिनट में लिखित आपत्ति दर्ज करनी होगी.
147. आपत्ति में – सही घटित हालात, अंपायर व मुख्य निर्णायक के निर्णय या विचार – किसके प्रति आपत्ति है आदि का पूरा जिक्र होना चाहिए.
148. भद्दी , असभ्य व गालियों वाली भाषा में की गई आपत्ति रद्द मानी जाएगी. इस पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.
149. एक बार दर्ज की गई आपत्ति वापस नहीं होगी.
150. आपत्ति दर्ज होने के बाद खेल जहाँ रुका था, वहीं से फिर शुरु होकर आगे बढ़ेगा. किंतु परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा.
151. आपत्ति के फैसले के बाद
अ.
आपत्ति के मान्य होने पर फीस वापस कर दी जाएगी और
खेल आपत्ति वाले बोर्ड पुनः खेला जाएगा.
आ.
आपत्ति के अमान्य होने पर पहले से उपलब्ध परिणाम को
घोषित कर दिया जाएगा. फीस वापस नहीं होगी.
इ.
चेंपियनशिप या टूर्नामेंट अधिकारी आपत्ति के दर्ज
होने के एक घंटे के भीतर दावेदार को आपत्ति का परिणाम सूचित करेंगे.
XIX. स्कोर बोर्ड.
(स्कोर बोर्ड के लिए अंग्रेजी वाली पुस्तिका देखें)
यह लॉस ऑफ केरम के 2004 संस्करण का अनुवाद है। तदुपरांत परिवर्तन के लिए मूल अंग्रेजी पुस्तिका देखिए
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