साक्षात्कार
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1. अपनी पुस्तक के विषय में संक्षिप्त में बताएं।
मेरी पहली प्रकाशित पुस्तक “ दशा और दिशा” ( अप्रैल 2016
ISBN : 978-93-85818-63-8) कविता और कहानियों का समावेश है। इस पर पाठकों का बहुत स्नेह मिला।
फलस्वरूप यह गाथा की ऑलटाइम बेस्ट सेलर बुक बनी।
2. इस विषय को आपने क्यों चुना और लिखने की
प्रेरणा कहां से मिली?
कविता लेखन की विद्या मुझमें
बचपन से है। पहले शौकिया लिखता था, मगर फिर प्रकाशन का मन बना लिया।
मेरी प्रेरणा मेरे पिताजी और
हिंदी फिल्मों के प्रवाहमयी साहित्य से भरपूर गीत रहे हैं।
3. जीवन के प्रति आपके क्या सिद्धांत हैं?
जीवन सिद्धान्त के तौर पर मैं
मानता हूँ कि देने की खुशी, पाने की खुशी से बहुत उत्कृष्ट होती है।
कोई भी विवाद सुलह पर समाप्त हो जाना चाहिए।
4. बतौर लेखक आपको अपनी यात्रा में किस
प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
शुरुआत में तो कविताएं लिखना
एकमात्र बस शौक था, तब सोचता था कि इन रचनाओं को केवल खुद तक
ही सीमित रखूं फिर बाद में प्रकाशन का मन बनाया। मगर इस लाइन में अनुभव न होने के
कारण प्रकाशक की तलाश करने में ढ़ेरों दिक्कतें आईं। लेकिन बाद में सब कुछ स्थिर
हो गया।
5. इस पुस्तक को लिखते समय किन समस्याओं से
गुज़रना पड़ा?
शुरुआत में काफी परेशानियां
हुईं क्योंकि ये मेरा भी पहला प्रकाशन था और प्रकाशक ने भी कार्य नया-नया शुरू
किया था। इस कारण टेक्नीकल चीज़ों में थोड़ा वक्त लगा मगर बाद में सब ठीक हो गया।
6. इन चुनौतियों का सामना आपने किस प्रकार
किया?
चुनौतियां तो बहुत थीं पर एक
खुशी की बात यह थी कि प्रकाशक की तरफ से भी संपूर्ण योगदान मिला, अन्यथा यह पुस्तक प्रकाशित नहीं हो पाती थी।
7. अपने प्रकाशक के संग आपका अनुभव कैसा रहा?
संप्रेषण में कमी होने के
कारण शुरू में पेमेंट संबंधी समस्याएं आईं। लेकिन जहाँ तक प्रकाशन संबंधी बात है, पूरा योगदान मिला। चीज़ों में थोड़ा समय लगा,
जो समस्याएं उत्पन्न हुईं, वह सहयोग के साथ ठीक हो गईं।
8. बतौर लेखक क्या कभी विचारों या शब्दों की
कमी महसूस हुई आपको?
हाँ ऐसा होता है। भावनाओं को
विचारों में ढालने के लिए उपयुक्त शब्द कभी कभार तुरंत नहीं मिलते, ऐसे वक्त मन तड़पता है।
9. यदि हां तो इस समस्या का समाधान आपको किस
प्रकार मिला?
कुछ समय बाद फिर कोशिश करने
पर सफलता मिल जाती है। कभी-कभी विचलित मन भी शब्द भंडार से उचित शब्द ढूँढ नहीं
पाता मगर शांत मन से पुनः प्रयास करने से ये समस्या हल हो जाती है।
10. अपनी एक आदत जिसे आप बदलना चाहते हों?
मैं जिद्दी हूँ इसलिए निर्णय
को बदलने में बड़ी समस्या होती है। अक्सर यह आदत बहुत सहयोगी होती है पर कभी-कभी
बहुत परेशानी खड़ी कर देती है।
11. साहित्य की दुनिया में आने वाले नए लोगों
के लिए खास टिप्स?
लिखने की आदत डालनी चाहिए जो
सबसे सरलतम डायरी लिख कर डाली जा सकती है। इसके बहुत लाभ हैं। इससे विचारों को
शब्दों में ढालने का अनुभव होगा। आपकी शब्द संपदा पुनरावृत्त होती रहेगी और
साथ-साथ बढ़ेगी भी। लिखने की कला की सीख मिलेगी।
12. इस पुस्तक को लिखते वक्त ऐसी कोई अच्छी
बात, जिसे आप शेयर करना चाहते हों?
इस पुस्तक को एक साथ नहीं
लिखा गया है। समय-समय पर अलग-अलग भाग (ज़्यादातर सन् 1980 के बाद) लिखे गए हैं। जब संकलन रूप में आ रहा था तो पुराना समय याद आ रहा
था, जिससे बहुत खुशी हुई। कई बार तो अपने आप
पर हँसी भी आती थी।
13. अगली पुस्तक आप किस विषय पर लिखना पसंद
करेंगे?
मेरी अगली पुस्तक भी कविता और
कहानियों का मिश्रण ही है। हाँ हिंदी विषय पर एक पुस्तक लिखने की तमन्ना थी और यह
इच्छा तीसरी पुस्तक के रूप में पूरी हुई। अभी मैं अपनी चौथी व पाँचवीं पुस्तकों की
तैयारी में भिड़ा हुआ हूँ जो क्रमशः मेरी कहानियों व लेखों का संकलन और काव्य
संकलन होंगे।
14. तीन पसंदीदा पर्यटन स्थल?
पर्यटन का शौकीन नहीं हूँ।
15. कोई ऐसा कथन या विचार जो आपको बहुत
प्रोत्साहित करता हो?
गाँधी और नेहरू के लिए भी दिन
में 24 घंटे ही होते थे। उन्होंने जो भी किया
दिन के 24 घंटो में ही किया, इस लिए जो भी करना है, वह 24
घंटे में संभव है।
16. आपकी ऐसी कोई आदत जिसका आपकी सफलता में
विशेष योगदान हो?
अगर तुम ठान लो, तारे गगन के तोड़ सकते हो…
अगर तुम ठान लो तूफान का पथ
मोड़ सकते हो…
मैंने यदि एक बार तय कर लिया
कि कोई काम करना है तो मैं तन्मय होकर उसमें लग जाता हूँ,
फिर इधर-उधर नहीं झाँकता, लक्ष्य की तरफ ही तन-मन लगा लेता हूं।
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