tag:blogger.com,1999:blog-56673007125202744752024-03-18T21:00:17.965+05:30लक्ष्मीरंगम - Laxmirangamhttps://laxmirangam.blogspot.com/
इस ब्लॉग की सारी रचनाएं मेरी मौलिक रचनाएं हैं।
ब्लॉग पर आपकी हर तरह की टिप्पणियाँ आमंत्रित हैं।Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.comBlogger303125tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-35162286068554050682024-03-10T09:34:00.001+05:302024-03-11T18:05:29.002+05:30सफेद सदाबहार
सफेद सदाबहार
इस बार जब मैं
प्रवास पर गया तब छत्तीसगढ़ के एक गाँव
कोरबी में मेरे एक दोस्त के घर मुझे सफेद फूल वाला सदाबहार का पौधा दिखा।
मैं बहुत समय से
सफेद सदाबहार के पौधे की तलाश में था। मेरे पास जामुनी सदाबहार फूल का पौधा बहुत
समय से है।
ऐसा सुना है कि इन
पौधों की पांच पत्तियाँ या फूल चबाकर रोज सुबह खाली पेट खाने से डायबिटीज की
बीमारी समूल नष्ट हो जाती है और मरीज को उस Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com14tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-84646236680794261462024-03-06T22:41:00.004+05:302024-03-07T10:44:44.998+05:30मैं और कैरम मैं और
कैरम
कैरम का रिश्ता
मुझसे कब से है यह शायद मुझे भी नहीं पता। जब से मुझे खुद की खबर है, तब
से कैरम मेरे साथ है। मुझे 1958-59 के वो दिन भी याद हैं जब हम दोस्त नैसर्गिक
परिधान में ही कैरम खेलते थे। घर में कैरम पहले से था। कहाँ से आया इसका सही पता नहीं
है। ऐसे सुना था कि वाल्तेयर रेल्वे स्टेशन पर दिन भर के इंतजार के बाद शाम को
रेलगाड़ी पर चढ़ने तक जब इसका
कोई हकदार नहीं आया,
तो हम इसे Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com23Hyderabad, Telangana, India17.406498 78.477243899999991-10.903735836178846 43.320993899999991 45.716731836178845 113.63349389999999tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-61854387478435016122023-11-06T15:28:00.002+05:302023-11-06T15:32:24.719+05:30एहसान *एहसान*बता-बता के किया हमनेतुम पर एहसान दोबाराहम समझ न पाए थे , ये था खुद का अपमान हमारा।फिर तुम तो सुबह उठने को भीएक काम कहोगे।भोजन से निपटने को , तन पर एहसान कहोगे।यह किस तरह की खुदगर्जी छाई है मनुज पर,बेटा पूछता है माँ से, तेरे क्या एहसान है मुझ पर?इस खुदगर्जी में मनुज, तुम कितना और गिरोगे?बुढ़ापे में छत-रोटी देकरमाँ-बाप पर एहसान करोगे ?दो चार कदम चलना भी Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com8Hyderabad, Telangana, India17.385044 78.486671-10.925189836178845 43.330421 45.695277836178846 113.642921tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-3180600543007956302023-10-01T08:34:00.001+05:302023-10-01T08:34:15.136+05:30केरम के नियम ( 2004 संस्करण के लॉस ऑफ केरम का हिंदी अनुवाद)
केरम के नियम
(हिंदी मे प्रयत्न : एम आर अयंगर.)
मेरी बात दिनाँक 17 से 18
जनवरी 2015 के दौरान कोरबा जिला केरम संघ के तत्वाधान में जिला केरम प्रतिस्पर्धा
प्रगति क्लब एनटीपीसी जमनीपाली मेंMadabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-6870602548544855932023-09-20T19:30:00.001+05:302023-09-20T19:30:10.107+05:30अनवरत यंत्र अनवरत यंत्र अनवरत यंत्र
(लघु कथा)
मुझे माँ से कुछ एक बात पूछनी थी। किंतु समय
ही नहीं मिल पाता था।
मैं हमेशा माँ को ताकती रहती थी कि कब उन्हें
फुरसत मिले तो मैं पूछूं।
माँ सुबह 4:30-5:00 पर जाग जाती थी। हाथ- मुँह धोकर , नहाकर, भगवान का दिया जलाकर सीधे रसोई
में चली जाती थी। जब मैं उठती थी, तब तक
माँ सब के लिए नाश्ता तैयार करके रख देती थी। सब के टिफिन / लंचMadabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com3Hyderabad, Telangana, India17.385044 78.486671-10.925189836178845 43.330421 45.695277836178846 113.642921tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-43601494336646791392023-08-25T17:34:00.001+05:302023-08-25T17:34:07.869+05:30तुम्हारे लिए। तुम्हारे लिएआपकी परियोजना में,मैं आपका साथ देना चाहता हूँ।आपको मुश्किल नहीं हो, इसलिए मैं अपनी जुबां को बाँध देना चाहता हूँ।आपके कार्यक्रमों में मैं नहीं बाधक बनूंगा।आपकी हर मुश्किलों में, मैं निरा साधक रहूँगा।दूर होना चाहती हो तो, पास आऊंगा नहीं मैं।खुद को व्यस्त रखना चाहती हो,तो पुकारूंगा नहीं मैं।तुम बना लो जो भी बहानेमेरीMadabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-74393794005317588942023-08-04T21:07:00.001+05:302023-08-04T21:07:22.098+05:30पुस्तक समीक्षा - विमान उड़ने को तैयार है. पुस्तक
समीक्षा पुस्तक का शीर्षक -Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com1Hyderabad, Telangana, India17.385044 78.486671-10.925189836178845 43.330421 45.695277836178846 113.642921tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-88153276316117446492023-07-31T18:02:00.006+05:302023-08-01T08:03:44.474+05:30द्वंद्व का अंत द्वंद्व का अंत
(भाग दो – द्वंद्व जारी है।)( द्वंद जारी है )
जैसे-जैसे समय बदलता
गया आदर्श का मन शीतल-भावनाओं से विरक्त होकर पारिवारिक कर्तव्यों की तरफ बढ़ने
लगा। उसे अब धीरे-धीरे समझ में आने लगा कि शीतल जैसी लड़की के लिए अपनी जिंदगी और
समय बर्बाद करने का कोई औचित्य नहीं है। इसी बीच उसकी नौकरी एक सरकारी कंपनी में
लग गई। वह बीती हुई सभी बातों को छोड़कर जीवन के मजे लेने लगा। इसी Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com0Hyderabad, Telangana, India17.385044 78.486671-10.925189836178845 43.330421 45.695277836178846 113.642921tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-950902661499239572023-03-23T08:29:00.003+05:302023-03-27T10:03:02.474+05:30Interview part II https://youtu.be/mIXk_FO1vOUMy interview PART II on Indra Dhanushi Dunia IDDमेरा साक्षात्काक भाग 2 इंद्र धनुषी दुनिया IDD परPls see & send your comments on u tube or to me.Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-54611358747263979292023-02-19T17:14:00.003+05:302023-02-19T17:21:31.681+05:30पुस्तकों का विवरण और साक्षात्कार (भाग 1) यू ट्यूब के इस वीडियो में मेरी पुस्तकों की जानकारी है। साथ में नीचे मेरे एक साक्षात्कार के भाग एक का लिंक भी है।कृपया देखिए और हो सके तो यू ट्यूब पर भीटिप्पणी कीजिए। https://youtu.be/b7zPGlmGGLcMadabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-88355316741875467032023-02-07T22:05:00.004+05:302023-03-27T09:51:31.562+05:30आई डीडी द्वारा साक्षात्कार ( भाग - 1 ) जमशेदपुर (टाटानगर) के एक वीडियो चेनल के लिए मेरे एक साथी ब्लॉगर श्रीमती अपर्णा (अन्वी) बाजपेयी ने समाज की विभिन्न भाषाओं में सामंजस्य बैठाने और नागरिकों को पूरे देश में संवाद की सरलता प्रदान करने की विचारधारा से कुछ सवाल किए और मेरे जवाब लिए। आज वह वीडियो उनके चेनल IDD इंद्रधनुषी दुनिया पर अपलोड हो गया है। इसका लिंक आप सबके लिए नीचे प्रस्तुत हैhttps://youtu.be/Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-91445672996792402272022-12-21T17:27:00.001+05:302022-12-21T17:27:51.915+05:30नए रचनाकारों के लिए आवश्यक जानकारी। नए रचनाकारों के लिए आवश्यक जानकारी।1. रचनाकार का नाम पता और संपर्क।2. रचना की विधा – कविता , कहानी , नाटक, व्यंग इत्यादि।3. रचना की भाषा।4. रचना कंप्यूटर पर है या हस्तलिखित।5. A-4 साईज पेपर पर रचना के पृष्ठ।6. पुस्तक का वांछित आकार – 5 x 8, 5.5 x 8.5 6 x 9 इंच या कोई और।7. पुस्तक हार्ड बाउंड चाहिए या पेपर बैक। हार्ड बाउंड में जेकेट की जरूरत है क्या ।8. कवर डिजाइन करने में लेखक सक्षम हैं या Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-92201650317418922802022-09-14T08:43:00.003+05:302022-09-14T08:45:32.722+05:30राजभाषा के लिए कुछ करें राजभाषा के लिए कुछ करें
अब हम आजादी के 75 वर्ष और अमृत महोत्सव / वज्रोत्सव मना रहे हैं । 14
सितंबर 1949 को हमने हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाया। संविधान के साथ ही
राजभाषा भी पदासीन हुई। आजादी के अमृत महोत्सव या वज्रोत्सव में हिंदी के लिए कोई
विशेष कार्यक्रम होता नहीं दिख रहा है। कहने को फेसबुक और वाट्सएप पर हिंदी में
पोस्ट तो आते हैं किंतु हिंदी की बेहतरी के लिए पोस्ट नहीं आते।
भाषाMadabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com41Hyderabad, Telangana, India17.385044 78.486671-10.925189836178845 43.330421 45.695277836178846 113.642921tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-23017025666694938402022-09-01T18:30:00.000+05:302022-09-01T18:30:20.853+05:30निराशानिराशायदि यह दोस्त नहीं तो कोई बात नहीं, कोई और होगा।और नहीं तो 'और' होगा।पर कोई तो होगा।यदि कोई न मिला तो कारण ?वह ही होगा, कमी कहीं उसमें ही होगी ,उसे ही खोजना पड़ेगा।कोई दोस्त होता तो वह बताता,कमीं कहाँ है,पर यहाँ तो समस्या ही दोस्त न होने की है।दुनिया इतनी बड़ी है कि यहाँ, हर किसी को मानसिक साथी मिल ही जाता है।यदि किसी को न मिले तो दुनिया बदलने की मत सोचो,संभवMadabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com12tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-74397999380422845732022-07-20T20:38:00.006+05:302022-07-20T22:52:02.285+05:30गुरु पूर्णिमा 2022 – हिंदी भाषा (सुझाव और विमर्श)गुरु पूर्णिमा 2022 –
हिंदी भाषा (सुझाव और विमर्श)गुरुओं को पुस्तक भेंट करते हुएशिक्षिका द्वारा पुस्तक का अनावरण विमोचन का रूप लेता हुआआषाढ़ी पूर्णिमा - उत्तर भारतीय आषाढ़ माह का अंतिम दिन और दक्षिण भारतीय केलंडर के आषाढ़ माह का पंद्रहवाँ दिन जो
महीने के मध्य होता है – जिसे भारत के विभिन्न राज्यों और अंचलों में विभिन्न
नामों से – आषाढ़ी पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा, Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com6Hyderabad, Telangana, India17.385044 78.486671-10.925189836178845 43.330421 45.695277836178846 113.642921tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-152685513555044312022-06-30T13:59:00.003+05:302022-06-30T19:51:29.874+05:30पुस्तक समीक्षा - ऊँचे अटरियों की सिसकियाँ : लेखिका श्रीमती बिम्मी कुँवर सिंह पुस्तक समीक्षा - ऊँची
अटरियों की सिसकियाँ
पुस्तक ऊँची अटरियों की
सिसकियाँ श्रीमती बिम्मी कुँवर सिंह की रचनाओं की पहली प्रकाशित पुस्तक है। यह
पुस्तक एक कहानी संग्रह है। 103 पृष्ठों की इस पुस्तक में कुल 12 कहानियाँ संकलित
हैं। पुस्तक सर्व भाषा ट्रस्ट, नई दिल्ली से वर्ष 2021 में प्रकाशित हुई है। आवरण
चित्राँकन श्री मयंक शेखर ने किया है। जैकेट के साथ सख्त जिल्द की इस आकर्षक पुस्तक
की कीमत Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-49197225018237773052022-06-12T21:05:00.001+05:302022-06-30T20:25:05.371+05:30पुस्तक समीक्षा - ध्रुवसिंह एकलव्य की 'चीखती आवाजें' पुस्तक समीक्षा –
श्री ध्रुव सिंह ‘एकलव्य’ की “
चीखती आवाजें”
हाल ही में लखनऊ प्रवास के दौरान साथी ब्लॉगर श्री रवींद्र सिंह यादव के
सौजन्य से ब्लॉगर कवि श्री ध्रुव सिंह से मुलाकात का अवसर मिला । उसी मुलाकात के
दौरान ध्रुव जी ने मुझे दो पुस्तकें भेंट स्वरूप दिया। एक तो उनकी अपनी पुस्तक – ‘चीखती आवाजें’ और
दूसरी – ‘सबरंग क्षितिज - विधा संगम’
जो एक संकलन है। आज मैं पुस्तक ‘चीखती आवाजें’ की Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com8tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-65870333256917198542022-06-04T14:24:00.003+05:302022-06-30T20:32:33.277+05:30पुस्तक समीक्षा श्रीमती रेणु बाला की पुस्तक "समय साक्षी रहना तुम" । पुस्तक समीक्षा
 Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-40550798463719033372022-05-27T16:38:00.001+05:302022-05-27T16:41:28.147+05:30राष्ट्रव्यापी - राष्ट्रभाषा - हिंदी राष्ट्रव्यापी
- राष्ट्रभाषा - हिंदी
आज भारत में हर बात को एक काम का
मुद्दा बनाए जाने की नई प्रथा शुरु हो गई है। रही बात किसके काम की तो ये उन लोगों
के लिए है जिन्हें इसके अलावा कोई काम होता ही नहीं। हाल का एक ऐसा ही वाकया है, हिंदी के राष्ट्रभाषा होने का।
वाकया जानिए –
दक्षिण भारत की एक फिल्म केजीएफ
2 बॉक्स आफिस पर खूब चली। फिल्म ने
बहुत पैसा कमाया। बहुत, मतलब इतना कमाया कि Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com4Hyderabad, Telangana, India17.385044 78.486671-10.925189836178845 43.330421 45.695277836178846 113.642921tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-16201403536866699142022-04-09T22:18:00.002+05:302022-04-09T22:22:55.493+05:30ऐसे सिखाएँ हिंदी ऐसे
सिखाएँ हिंदी
किसी भी भाषा को
सीखने
का पहला चरण होता है बोलना। बोलना सीखने
के लिए उस भाषा का अक्षरज्ञान जरूरी नहीं होता। किसी को बोलते हुए देखकर सुनकर, वैसे उच्चारण का प्रयास कर किसी भी भाषा को बोलना सीखा जा सकता है। बहुत
से लोग तो विभिन्न भाषाओं के सिनेमा देखकर ध्वनि व चित्र के समागम से ही शब्द का
उच्चारण और अर्थ सीख लेते हैं। दोस्तों व परिवारजनों के साथ बात Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-15381737019176391532022-04-06T12:14:00.003+05:302022-04-06T12:18:38.181+05:30उच्चारण उच्चारण
किसी
भी भाषा को सीखने में उसके उच्चारण का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है।
सामान्यतः
किसी भी भाषा को सीखने का पहला अध्याय, उस भाषा
को बोलने वालों के साथ रहकर उनका उच्चारण सीखना होता है।
माना आप इसके लिए विशेष प्रयास नहीं करते किंतु साथ रह
रहकर आपका ध्यान तो उस ओर आकर्षित हो ही जाता है और धीरे - धीरे आप गौर करने लगते हैं कि इसे ऐसा नहीं, ऐसा
Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com6Hyderabad, Telangana, India17.385044 78.486671-10.925189836178845 43.330421 45.695277836178846 113.642921tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-55071883589403726732022-04-01T14:01:00.000+05:302022-04-01T14:01:30.533+05:30हिंदी साहित्य हिंदी
साहित्य
पाश्चात्य सभ्यता
के अनुसरण की होड़ में जो सबसे महत्वपूर्ण बातें सीखी गई या सीखी जा रही है उनमें
जो सर्वप्रथम स्थान पर आता है वह है बंधन मुक्त होना। जीवन के हर विधा में बंधनों
को तोड़कर बाहर मुक्त गगन में आने की प्रथा चल पड़ी है। यहाँ यह विचार विमर्श का
विषय नहीं है कि यह उचित है या अनुचित। बस एक अवलोकन है , वक्तव्य
है।
इसी प्रथा के
चलते हिंदी कविता के क्षेत्रMadabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com12tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-67038907562146681022022-03-01T23:19:00.004+05:302022-03-03T23:41:01.192+05:30हिन्दी – हिंदुस्तानी – हिन्दी दिवस हिन्दी – हिंदुस्तानी – हिन्दी दिवस
1918 के काँग्रेस अधिवेशन में महात्मा गाँधी जी ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा पद पर
आसीन कराने का प्रस्ताव रखा । साथ ही पूरा मसौदा भी तैयार था कि राष्ट्रभाषा में
कौन-कौन से गुण होने चाहिए। इसके अनुसार भारतीय भाषाओं में हिन्दी/हिंदुस्तानी ही राष्ट्रभाषा
बन सकती थी। कितु प्रस्ताव पास नहीं हो सका और चयनित हिन्दी भी भारत की
राष्ट्रभाषा नहीं बन सकी।
संविधान Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com22Hyderabad, Telangana, India17.385044 78.486671-27.061535873075805 -62.138329 61.831623873075806 -140.888329tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-56600288280589116662022-02-18T19:43:00.003+05:302022-02-18T19:55:56.832+05:30बचपन की सैर बचपन की सैर
कल मुझे मिल गया भूत
का आईना,
जिसमें तस्वीर बचपन
की मुझको दिखी।
और बचपन के मिले
मुझे दोस्त भी।
पहने निक्कर,
बच्चों की टोली मिली।
वो मुहल्ला ,
वो सड़कें वो बच्चे मिले,
पेड़ पीपल,
बिही, नीम चढ़कर दिखे।
कुछ थे कैंची से
सायकल चलाते हुए,
कुछ पुलिया पे
बैठे, गपियाते हुए।
कुछ थे लड़ते झगड़ते जमीं
पे लोटे
हुए,
कुछ गले मिल रहे थे
रोते हुए।
फुगड़ी लगाती बहनें
Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com2Hyderabad, Telangana, India17.385044 78.486671-10.925189836178845 43.330421 45.695277836178846 113.642921tag:blogger.com,1999:blog-5667300712520274475.post-79394053362956453122021-10-20T19:35:00.001+05:302021-10-24T18:20:10.367+05:30अभिवादन अभिवादन
सामान्य भाषा में अभिवादन को नमस्ते या नमस्कार कहा जा सकता है। इसे वंदन भी
कहते हैं। नमस्ते, नमस्कार और प्रणाम सभी वंदन के ही रूप हैं। नमस्कार करते वक्त “नमो नमः” का उच्चारण किया जाता है। नमः
का अर्थ है नमन । दोनो हाथों के पंजों को जोड़कर, नतमस्तक होकर किया गया वंदन ही
नमस्कार है।
सामान्यतः दोनों होथ जोड़कर, नतमस्तक होकर अभिवादन किया जाता है। इससे अगले
व्यक्ति की गुरुता को Madabhushi Rangraj Iyengarhttp://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.com31Hyderabad, Telangana, India17.385044 78.486671-14.538024703812564 43.330421 49.308112703812569 113.642921