प्यार या व्यापार
आलय, विद्यालय में देवी का दीदार हुआ,
टकराए नयन, कनखियों से वार हुआ,
नजरों - नजरों मे इकरार हुआ,
धीरे - धीरे प्यार का इजहार हुआ.
टकराए नयन, कनखियों से वार हुआ,
नजरों - नजरों मे इकरार हुआ,
धीरे - धीरे प्यार का इजहार हुआ.
एक दूजे की बाहों का हार हुआ,
हाँ, हम दोनों में प्यार हुआ,
सुहानी वादियों में विहार हुआ,
बहारों संग जीवन गुलजार हुआ.
हाँ, हम दोनों में प्यार हुआ,
सुहानी वादियों में विहार हुआ,
बहारों संग जीवन गुलजार हुआ.
संग - संग चलने का वादा किया,
संग जीने मरने का इरादा किया,
शायद, हमने उम्मीद कुछ ज्यादा किया,
इस पर ही तो उसने तगादा किया.
संग जीने मरने का इरादा किया,
शायद, हमने उम्मीद कुछ ज्यादा किया,
इस पर ही तो उसने तगादा किया.
बात बढ़ी फिर बस तकरार हुआ,
फिर अपना जिरह रोज लगातार हुआ,
एक दिन यह बीच बाजार हुआ,
जो प्यार था, अब वह व्यापार हुआ,
फिर अपना जिरह रोज लगातार हुआ,
एक दिन यह बीच बाजार हुआ,
जो प्यार था, अब वह व्यापार हुआ,
वह लूट गई, मैं लुट के गुनहगार हुआ.
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