जरूरी तो नहीं.
माना,
हर मुलाकात का अंजाम जुदाई तो है
तो मुलाकात किया जाए,
उसे बदनाम किया जाए
जुदाई के लिए ?
ये जरूरी तो नहीं.
दिल की हर बात सुहाती नहीं
दिलबर को कभी,
दिल को बदनाम किया जाए
ये जरूरी तो नहीं.
कभी बरसात के मौसम में भी
तसल्ली भर बारिश नहीं होती,
लगा गर्मी में
सुखा दूँ कोई पौधा
ये जरूरी तो नहीं.
जब भी कह देंगे चले जाएंगे
तेरे नजरों से परे,
तेरे दिल से भी उतर जाएं,
ये जरूरी तो नहीं.
जुदा होना है तो हो जाएँ
गम की बात नहीं,
दूध की मक्खी सा हो व्यवहार
जरूरी तो नहीं.
मंजिलें मिल न सके,
चलते हैं अपने रास्ते हम भी,
इसके लिए मन को
कड़वा ही किया जाए,
ये जरूरी तो नहीं.
खुशमिजाज अपने ही रस्तों पे
चले जाएंगे हम,
ताजी हवा,
शीतल समीर से भी,
मन न बहले,
ये जरूरी तो नहीं.
छोड़ दें दुनियां
किसी एक की खातिर
न हो मुमकिन ये मगर,
पर किसी एक की खातिर,
ये दुनियां रुके,
ये भी जरूरी तो नहीं.
.......
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मेरा आठवाँ प्रकाशन / MY Seventh PUBLICATIONS
गुरुवार, 17 मई 2018
जरूरी तो नहीं
Andhra born. mother toungue Telugu. writing language Hindi. Other languages known - Gujarati, Punjabi, Bengali, English.Published 8 books in Hindi and one in English.
Can manage with Kannada, Tamil, assamese, Marathi .
Published Eight books in Hindi containing Poetry, Short stories, Currect topics, Essays, analysis etc. All are available on www.Amazon.in/books with names Rangraj Iyengar & रंगराज अयंगर
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