मेरा आठवाँ प्रकाशन / MY Seventh PUBLICATIONS

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सोमवार, 20 जुलाई 2015

इंटरनेट से हिंदी प्रगति.



  
इंटरनेट से हिंदी प्रगति 

http://www.hindikunj.com/2015/07/internet-hindi-progress.html

हिंदी भाषा अपने आप में बहुत शक्तिशाली है और विश्व की कई भाषाओं से अग्रणी है. हालाँकि इसपर कई वाद-विवाद हैं किंतु मनीषियों की मानें तो आज हिंदी विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, 

इंटरनेट, संप्रेषण का मायाजाल है. इससे संप्रेषण में हजारों - लाखों गुना वृद्धि हुई है. हाथ से लिखने की जगह से उठकर आज हम ऐसे दौर पर आ गए हैं जहाँ किसी की कही हुई बात दुनियाँ के दूसरे कोने में वहाँ की भाषा में सुनी जा सकती है और शायद देखी भी जा सकती है, छापा जा सकता है. इसके अलावा हर काम की गति में तेजी आई है जैसे टाईपिंग ने तो लिखने की रफ्तार में चार चाँद लगा दिए हैं. उसकी प्रिंटिंग तो देखते देखते हो जाती है. पहले जितनी प्रतिय़ाँ चाहिए उतनी बार लिखना पड़ता था अब एक बार टाईप कर लीजिए और एक ही आदेश से जितनी कापियाँ चाहिए प्रिट कर लीजिए. दुनियाँ भर में कहीं भी , कितनों को भी चाहें पलक झपकते ही सारा मिसिल भेज दीजिए. लेकिन इससे लिखने की कला खत्म होने के कगार पर आ गई है. हो सकता है कि अब से पाँचवीं पीढ़ी लिखना ही न जाने या फिर केवल पंचिंग या टाईपिंग ही जाने.
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अयंगर.

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