मेरा आठवाँ प्रकाशन / MY Seventh PUBLICATIONS

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सोमवार, 2 दिसंबर 2013

बेईमानी.


बेईमानी - मौत की...

मौत,
मैंनें आह्वान किया था तेरा,
और तू आई,
पर यह क्या किया तूने,
मेरे पास नहीं आई,

तुम यमराज हो तो,

और मै  भी हूँ एम राज?

आजमाकर देख लिया ?
मैंने कहा था ना,
अतिथि और आगंतुक को,
यहाँ निराश नहीं किया जाता,
खाली हाथ लौटाया नहीं जाता,

अब तो तुम्हारे अनुभव ने ,
तुम्हें बता ही दिया...
अब तो तुमने जान ही लिया,
यह हमारी अनुवांशिक परंपरा है.

.....................................................
एम.रंगराज अयंगर. 







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