मृत्युदंड
जहाँ पूजनीय है नारी,
वहीं देवता बसते हैं,
किंतु राम से देव..
दैव हा!!
अग्नि परीक्षा लेकर भी,
सीताजी को तजते हैं.
कहाँ दोष सीता का कहिए,
उसका हुआ हरण जो था?
रावण को भड़काने वाला,
भगिनी कटा कर्ण तो था.
यदि रावण अपने पक्ष में प्रस्तुत करता,
सीताजी के अग्नि परीक्षा की रिपोर्ट,
तो क्या मृत्यु दंड दे सकता था उसे...
यह सुप्रीम कोर्ट ???
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gajab hai
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