रविवार, 29 जुलाई 2018

बात कहनी है...



बात कहनी है.


तुमसे अब बात यही कहनी है 
कि तुमसे बात नहीं करनी है.

जुबां से मैं भी तुमसे कुछ न कहूँ
न मुख से तुम भी मुझसे कुछ कहना,

तुमसे कहने की बातें हैं बहुत,
मन मचलता है कि अभी कह दूँ,
पर जब सामने दिख जाते हो,
कुछ कहने का मन नहीं करता,
मेरा मन भीग भीग जाता है,
और कुछ कहने को नहीं रहता,

इसलिए मैने अब ये सोच लिया,
तुम से अब इतनी बात कहनी है,
तुमसे अब बात नहीं करनी है.

तुमसे बातें शुरू न हो, वही अच्छा है, 
वरना ये खत्म होने का नाम ही नहीं लेती,

जाने कहाँ से आती हैं ये बातें
घंटों तक दुनियां भुला ही देती है.
बाते पूरी तो हो नहीं पाती,
बिछड़ना गमगीन हुआ जाता है

इससे बेहतर ये मैंने सोच लिया
तुमसे बस इतनी बात कहनी है,
कि अब तुमसे बात नहीं करनी है.
.......

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