मेरा आठवाँ प्रकाशन / MY Seventh PUBLICATIONS

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बुधवार, 27 दिसंबर 2017

मेरी चिडिया है बीमार,


मेरी चिडिया है बीमार,


मेरी चिडिया है बीमार,
नहीं उतरता उसे बुखार,
वैद्य ने कर ली पट्टी चार,
बेचारी चिडिया लाचार.

इंजेक्शन भी बहुत लगाए,
जाने कितनी दवा पिलाए,
गोली खा खा मन भर आए
कमता नहीं बुखार
        मेरी चिडिया है बीमार.

डॉक्टर कितनों को दिखलाया,
सबने अलग अलग बतलाया,
जिसकी ज्यादा फीस है होती,
उसकी पर्ची उतनी मोटी.

बड़े डॉक्टर को दिखलाया,
उसने भर्ती उसे कराया,
काँट छाँट का किया विचार,
और लगाए टाँके चार.

अब चिड़िया को होश नहीं,
पहले जैसा जोश नहीं,
पर फिर भी खामोश नहीं,
फुदक नहीं वह पाती है,
बस चींचींचींचीं गाती है.

डॉक्टर आकर देख गए,
बोले सब कुछ चंगा यार,
दो दिन कुछ तकलीफ तो होगी,
फिर चिडिया है फिट तैयार.
मेरी चिड़िया थी बीमार.
---
रंगराज अयंगर

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